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जीवन प्रश्नोत्तर
कब तक मौत से लडू?
कब तक खुशियों के पीछे भागू?
कब तक नये-नये सपने को संजोए?
कब तक अपने तुम्हारे करूं?
कब तक बेजुबानों को सहारा बनू?
कब तक अपने साथ के लोगों से बात करु?
कब तक जीवन जीने के बहाने ढूंढता रहूं?
कब तक आंखों को नम नहीं है बताऊं?
कब तक अन्तिम होने का इंतजार करु? ।।



जब तक अन्तिम सांस शरीर में विराजमान ना हो।
जब तक आनन्द की‌ अनुभूति ना हो।
जब तक आवश्यकताओ की पूर्ति ना हो।
जब तक भौतिक शरीर की‌ लालसा ना हो।
जब तक स्वयं की वृष्टि ना हो।
जब तक विचारों में कलेश ना हो।
जब तक जी भरा ना हो।
जब तक कभी भरा ना हो।
जब तक शुरुआत ना हुआ हो।।