अच्छाई के बदले बुराई क्यों मिलती है 🥺
हर बार कुछ अच्छा करने के चक्कर में खुद बुरी बन जाती हूं
दूसरों की परवाह करने के चक्कर में खुद को ही भूल जाती हूं...
क्यों हूं मैं ऐसी?....
मैं खुद को बदलना चाहती हूं
जो जैसा है मैं उसी के जैसा बनके उससे मिलना चाहती हूं..
क्यों हर बार कुछ अच्छा करने के चक्कर में मैं सब की बुरी बन...
दूसरों की परवाह करने के चक्कर में खुद को ही भूल जाती हूं...
क्यों हूं मैं ऐसी?....
मैं खुद को बदलना चाहती हूं
जो जैसा है मैं उसी के जैसा बनके उससे मिलना चाहती हूं..
क्यों हर बार कुछ अच्छा करने के चक्कर में मैं सब की बुरी बन...