नज़राना-ए-शुकराना
नज़राना नज़राना मेरे गुरू की नज़र कहे नज़राना,
शुकराना शुकराना मेरे गुरू जी कहते हैं शुकराना,
समझाना समझाना मेरे गुरू ने संगत को समझाना,
शुकराना शुकराना हर स्वांस स्वांस बोले शुकराना,
गिर जाना गिर जाना इन गुरू के चरणों में गिर जाना,
शुकराना शुकराना, शुभ वचन गुरू जी के लेते जाना,
अनजाना अनजाना,गुरू जी मुझे न रखना अनजाना,
शुकराना शुकराना, हर पल ये दिल करे तेरा शुकराना,
ऐश कर जा ऐश कर, मेरे गुरू दें आशीष जा ऐश कर,
अरविंद गुरू ने दिया है इतना मुझे, अब दे तू शुकराना I
शुकराना शुकराना मेरे गुरू जी कहते हैं शुकराना,
समझाना समझाना मेरे गुरू ने संगत को समझाना,
शुकराना शुकराना हर स्वांस स्वांस बोले शुकराना,
गिर जाना गिर जाना इन गुरू के चरणों में गिर जाना,
शुकराना शुकराना, शुभ वचन गुरू जी के लेते जाना,
अनजाना अनजाना,गुरू जी मुझे न रखना अनजाना,
शुकराना शुकराना, हर पल ये दिल करे तेरा शुकराना,
ऐश कर जा ऐश कर, मेरे गुरू दें आशीष जा ऐश कर,
अरविंद गुरू ने दिया है इतना मुझे, अब दे तू शुकराना I
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