इश्क पुराना लगता है
तेरे बिना
अधूरा सा हर एक अफसाना लगता है।
जो तू न हो तो
बेरंग सा ये मौसमी तराना लगता है |
दिल में दबे है जज़बात कई
नैनों में धुँधले से ख्वाब कई
पर मुश्किल
उन्हें शब्दों में बयां कर पाना लगता है |
हवाओं ने कहा सुन यार मेरे ,
ये इश्क तो बड़ा पुराना लगता है ।।
न जाने कब, कहा, कैसे
हमारी पहली मुलाकात हुई,
लब तो रहे ख़ामोश मगर
अंखियों से दिल की बात हुई ।
छिप-छिपकर तुम्हें देखते हुए
मैने थे अपने दिन वो गुजारे,
हिम्मत न थी कि मैं बात करूं
आके पास तुम्हारे ।
पर एक दिन ऐसा भी आया,
जब किस्मत ने था हमें मिलाया ।
बैठे थे हम एक दूजे रूबरू,
पूरी हुई तुमसे बात करने की मेरी...
अधूरा सा हर एक अफसाना लगता है।
जो तू न हो तो
बेरंग सा ये मौसमी तराना लगता है |
दिल में दबे है जज़बात कई
नैनों में धुँधले से ख्वाब कई
पर मुश्किल
उन्हें शब्दों में बयां कर पाना लगता है |
हवाओं ने कहा सुन यार मेरे ,
ये इश्क तो बड़ा पुराना लगता है ।।
न जाने कब, कहा, कैसे
हमारी पहली मुलाकात हुई,
लब तो रहे ख़ामोश मगर
अंखियों से दिल की बात हुई ।
छिप-छिपकर तुम्हें देखते हुए
मैने थे अपने दिन वो गुजारे,
हिम्मत न थी कि मैं बात करूं
आके पास तुम्हारे ।
पर एक दिन ऐसा भी आया,
जब किस्मत ने था हमें मिलाया ।
बैठे थे हम एक दूजे रूबरू,
पूरी हुई तुमसे बात करने की मेरी...