घरवास का तीसरा दिन
तृतीय दिवस घरवास का
अब थम से गए हैं कदम,
अब लेखन का साथ रहा
और पुकार रही है कलम।
क्यों हम धरा पर आए हैं
किस...
अब थम से गए हैं कदम,
अब लेखन का साथ रहा
और पुकार रही है कलम।
क्यों हम धरा पर आए हैं
किस...