आदमी का किरदार
#InternaionalMensDay
यूँ आसान तो नहीं आदमी का किरदार
छुपाना पड़ता है हर गम का आसार
आँसू को पीकर जूठा मुस्कुराना पड़ता है
सह कर दर्द को बनता मर्द दमदार
कँधे पे जिम्मेदारियां दिल में दफ़न ख्वाहिशें
हौसलें बुलंद थामे मंजिल की पतवार
हार नहीं सकता उसे टूटना नहीं मंजूर
'प्रीत' मुहोब्बत के आगे वो रखता परिवार
© speechless words
यूँ आसान तो नहीं आदमी का किरदार
छुपाना पड़ता है हर गम का आसार
आँसू को पीकर जूठा मुस्कुराना पड़ता है
सह कर दर्द को बनता मर्द दमदार
कँधे पे जिम्मेदारियां दिल में दफ़न ख्वाहिशें
हौसलें बुलंद थामे मंजिल की पतवार
हार नहीं सकता उसे टूटना नहीं मंजूर
'प्रीत' मुहोब्बत के आगे वो रखता परिवार
© speechless words