...

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जरूरी है
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
दुनिया जैसे बिन पैसे अधूरी है

माना जरूरी नहीं है पैसा
पर जीने के लिए पैसा ही
जरूरी है

सबकी अपनी कहानी है
मगर मोहब्बत सबकी अधूरी है
बात इतनी सी है तेरे लिए मैं और मेरे लिए तू जरूरी है

कहना तो बहुत कुछ है मगर
कभी कभी चुप होना भी
जरूरी है

जैसे सुबह उठने पर चाय
वैसे मेरे लिए तेरा हाथ मेरे हाथ मैं होना जरूरी है

✍️प्रिया
© Priya sharma