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फुरकत की बू...........✍️
ज़िंदगी ठहरी सी लगती है
तुम बिन किसी गुज़रे हुए
उस आफत भरे वख्त की सी
जैसे हर लम्हा हर पल
विरानगी से होकर
गुजरता हो मुसलसल मेरा
तुम समझो या ना सही
अब आदत है मुझको
मेरी उम्मीदों के उन
बिखरे आसारों को
गले लगा के ख़ुद टूट जाने की
मै शिकायते नही करती
ख़ामोश रहती हूँ "आजकल"
कुछ बयाँ करू भी
तो ज़माने भर को मेरे किरदार से
किसी की फुरकत की बू आती है
🥀🖤 Sonia Thakur ....✍️
Sona - ( बदजुबान कातिब )
तुम बिन किसी गुज़रे हुए
उस आफत भरे वख्त की सी
जैसे हर लम्हा हर पल
विरानगी से होकर
गुजरता हो मुसलसल मेरा
तुम समझो या ना सही
अब आदत है मुझको
मेरी उम्मीदों के उन
बिखरे आसारों को
गले लगा के ख़ुद टूट जाने की
मै शिकायते नही करती
ख़ामोश रहती हूँ "आजकल"
कुछ बयाँ करू भी
तो ज़माने भर को मेरे किरदार से
किसी की फुरकत की बू आती है
🥀🖤 Sonia Thakur ....✍️
Sona - ( बदजुबान कातिब )
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