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एक अर्से बाद मिला वो
सर से लेकर पैर के तलवे तक मैंने आज उसे देखा . एक अर्से बाद .
लेकिन कही कोई भिन्नता नजर नहीं आई
यध्यपि उसके आस पास की खामोशी ज्यादा
घनी हो चुकी थी और उसकी खुशक आँखे
किसी अनजानेभय से ग्रसित लग रही थी.....
ुइसके अलावा मुझे मौत को गले लगाने की ततपरता साफ दिख रही थी उसकी आँखों मे
लेकिन कही कोई भिन्नता नजर नहीं आई
यध्यपि उसके आस पास की खामोशी ज्यादा
घनी हो चुकी थी और उसकी खुशक आँखे
किसी अनजानेभय से ग्रसित लग रही थी.....
ुइसके अलावा मुझे मौत को गले लगाने की ततपरता साफ दिख रही थी उसकी आँखों मे
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