तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ: गीत
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
पर आज ये हमने जाना है
के खामोशी भी इक हंगामा है
इक दर्द है सीने में और है भी नहीं
कुछ बात है जीने में और है भी नहीं
किस मोड़ पे चलते जाते हैं
हम छांव से जलते जाते हैं
हम होश में यूं तो रहते हैं सदा
पर मदहोशी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
आंखों में नज़ारे पलते हैं
कांटे भी कली से खिलते हैं
मुश्किल है हमारी मुहब्बत भी
बेरंग है सारी चाहत भी
कुछ चैन भी हासिल है हमको
कुछ बेताबी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
दुनिया को सुना पर दिल की नहीं
रस्ता भी नहीं मंज़िल भी नहीं
ये अपना सफर है सबसे जुदा
हम हैं भी कहां अब जाने खुदा
वो ही दुश्वारी लगती है अब
जो आसानी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
#इंतज़ार
© Ananya Rai Parashar
बस खामोशी रही हम दोनो में
पर आज ये हमने जाना है
के खामोशी भी इक हंगामा है
इक दर्द है सीने में और है भी नहीं
कुछ बात है जीने में और है भी नहीं
किस मोड़ पे चलते जाते हैं
हम छांव से जलते जाते हैं
हम होश में यूं तो रहते हैं सदा
पर मदहोशी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
आंखों में नज़ारे पलते हैं
कांटे भी कली से खिलते हैं
मुश्किल है हमारी मुहब्बत भी
बेरंग है सारी चाहत भी
कुछ चैन भी हासिल है हमको
कुछ बेताबी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
दुनिया को सुना पर दिल की नहीं
रस्ता भी नहीं मंज़िल भी नहीं
ये अपना सफर है सबसे जुदा
हम हैं भी कहां अब जाने खुदा
वो ही दुश्वारी लगती है अब
जो आसानी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
तुने भी न कहा कुछ मैने भी न कहा कुछ
बस खामोशी रही हम दोनो में
#इंतज़ार
© Ananya Rai Parashar