तन्हा सफ़र
तन्हा सफ़र हैं ज़िन्दगी जान लीजिए,
तन्हाई को हमसफ़र मान लीजिए।।
तन्हाई के मंज़र में राहें तन्हा मिलेगी
तन्हा आलम में ख़ुद को जान लीजिए।।
सपने देखो मंज़िल पाने के लिए
चाहतें मुक्कमल होगी, ठान लीजिए।।
लोगों की फितरत है टाँग खींचना,
उनकी सोच से ऊँची उड़ान लीजिए।।
© भरत 'राज़'
तन्हाई को हमसफ़र मान लीजिए।।
तन्हाई के मंज़र में राहें तन्हा मिलेगी
तन्हा आलम में ख़ुद को जान लीजिए।।
सपने देखो मंज़िल पाने के लिए
चाहतें मुक्कमल होगी, ठान लीजिए।।
लोगों की फितरत है टाँग खींचना,
उनकी सोच से ऊँची उड़ान लीजिए।।
© भरत 'राज़'