जिसमें ठीक मैं लगती थी...
गुज़ारा है वो वक़्त भी जिसमें ठीक मैं लगती थी,
जश्न में भी रही तन्हा जिसमें शरीक मैं लगती थी।
अपना जताने वाले कुछ लोग भी होते धोखेबाज़,
रह दिल में रही दूर जिसमें नज़दीक मैं लगती थी।
क़ुर्बान की है कई...
जश्न में भी रही तन्हा जिसमें शरीक मैं लगती थी।
अपना जताने वाले कुछ लोग भी होते धोखेबाज़,
रह दिल में रही दूर जिसमें नज़दीक मैं लगती थी।
क़ुर्बान की है कई...