ऐ मेरे महबूब...
ऐ मेरे महबूब...
मना लेते हम तुमको
अगर तुम पास होते
युँ दूर रहकर तुम हमको
क्यों हो इतना सताते,
किस गलती की तुम हमें
इतनी बड़ी सजा दे रहे हो
बिन बताए तुम हमे
क्यों गैर...
मना लेते हम तुमको
अगर तुम पास होते
युँ दूर रहकर तुम हमको
क्यों हो इतना सताते,
किस गलती की तुम हमें
इतनी बड़ी सजा दे रहे हो
बिन बताए तुम हमे
क्यों गैर...