विश्व होवे सत् चरित संहिता
गणनायक धराधिश्वर स्वामी!
गुणवाहक गुण ज्ञान समाहित
आलौकिक धाम उर अंतर
स्वप्नलोक सा हो मनोहारी!
हे ईश! शीश नमामि! नमामि !
जगदीश्वर जगत भगवंता!
अमर्त्य वीर पुत्र धरणीधर!
नमामि! नमामि! हे जगदीश्वर!
हे आदि दयाला! जन जग...
गुणवाहक गुण ज्ञान समाहित
आलौकिक धाम उर अंतर
स्वप्नलोक सा हो मनोहारी!
हे ईश! शीश नमामि! नमामि !
जगदीश्वर जगत भगवंता!
अमर्त्य वीर पुत्र धरणीधर!
नमामि! नमामि! हे जगदीश्वर!
हे आदि दयाला! जन जग...