'ना' सुनना सीख लो तुम
क्या थी मेरी कसूर, क्या थी मेरी किस्सा,
कल जो मेरा सब कुछ था वह सब चीन लिया मुझसे ...
पहले, मैं हस्ती थी, वह हंसाता था:
मोहब्बत की तलाश उस पर खतम हुआ।
मैंने उसे दिल से चाहा।
सोचा था प्यार की दुवा कबूल हो गई
मिट जाएगा वह तनहाई जो मेरे साथी थी
पर...
वो सिर्फ एक धोखा था
सिर्फ मेरे वेहम थी
हकीकत ने मुझे आइना दिखाय
उस्का नज़र बूरा था
बावरी थी मैं उससे प्यार कर बैठा
जिसे उसकी कोई कतिर नहीं था
उसने मेरी चेहरा जला दिया
वजह ये थी कि मैंने 'ना' बोला
'ना' सुनने का हिम्मत भी नहीं था उस में
तब मैं समझ गई...
कल जो मेरा सब कुछ था वह सब चीन लिया मुझसे ...
पहले, मैं हस्ती थी, वह हंसाता था:
मोहब्बत की तलाश उस पर खतम हुआ।
मैंने उसे दिल से चाहा।
सोचा था प्यार की दुवा कबूल हो गई
मिट जाएगा वह तनहाई जो मेरे साथी थी
पर...
वो सिर्फ एक धोखा था
सिर्फ मेरे वेहम थी
हकीकत ने मुझे आइना दिखाय
उस्का नज़र बूरा था
बावरी थी मैं उससे प्यार कर बैठा
जिसे उसकी कोई कतिर नहीं था
उसने मेरी चेहरा जला दिया
वजह ये थी कि मैंने 'ना' बोला
'ना' सुनने का हिम्मत भी नहीं था उस में
तब मैं समझ गई...