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SilentConfessions☘️🍂
#SilentConfessions
कहना था बहुत कुछ,
पर होंठ बंद रह गए,
दिल के जज्बातों में,
शब्द कहीं खो गए।
नज़रें मिलीं तुमसे,
मगर कुछ न कह सके,
सन्नाटा ही बोल उठा,
हम कुछ न कह सके।
मौन की इस गहराई में,
सच छुपा था कहीं,
अनकही बातें थीं,बाते
जो कहनी रह गईं।
सहमति की चुप्पी,
या असहमति का संकेत,
मौन की भाषा में,
छिपा हर एक भेद।
कभी ये मौन अपनापन,
कभी ये मौन दर्द,
स्वीकृति या अस्वीकृति,
मौन का अपना मर्म।
चुप रहकर भी बहुत कुछ,
हम कह जाते हैं,
मौन की इस स्वीकारोक्ति में,
दिल की बात कह जाते हैं।
🥀बस यू ही,,,⚘️
© 🍂
कहना था बहुत कुछ,
पर होंठ बंद रह गए,
दिल के जज्बातों में,
शब्द कहीं खो गए।
नज़रें मिलीं तुमसे,
मगर कुछ न कह सके,
सन्नाटा ही बोल उठा,
हम कुछ न कह सके।
मौन की इस गहराई में,
सच छुपा था कहीं,
अनकही बातें थीं,बाते
जो कहनी रह गईं।
सहमति की चुप्पी,
या असहमति का संकेत,
मौन की भाषा में,
छिपा हर एक भेद।
कभी ये मौन अपनापन,
कभी ये मौन दर्द,
स्वीकृति या अस्वीकृति,
मौन का अपना मर्म।
चुप रहकर भी बहुत कुछ,
हम कह जाते हैं,
मौन की इस स्वीकारोक्ति में,
दिल की बात कह जाते हैं।
🥀बस यू ही,,,⚘️
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