खामोशी
रूठा है वक्त और...
उफ़ यह खामोशी ।
शायद किन्हीं गुनाहों ...
कि सज़ा ...
या शायद मेरी ...
अनकही तकदीर का ...
फरमान निकल आया है ।
जिंदगी जैसे ...
सन्नाटे की...
उफ़ यह खामोशी ।
शायद किन्हीं गुनाहों ...
कि सज़ा ...
या शायद मेरी ...
अनकही तकदीर का ...
फरमान निकल आया है ।
जिंदगी जैसे ...
सन्नाटे की...