...

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जो दिख रहा है, वो है नही, जो है वो कभी दिखाएँगे नही🌺
हालातों को बदलने, और खुद को सवारने के चक्कर में
खुद कैसे हुआ करते थे ये भूलते जा रहे हैं
ऐसा नही है हसते नही हैं अब, हसी अभी भी है चेहरे पर,
पर दुनिया को दिखाने के चक्कर में खुद को और अपने मन को बहलाते जा रहे हैं
माना घर, घरवाले, जिम्मेदारियां और मजबूरियाँ है, पर हर रोज ये सोचने के चक्कर मे कि आज माॅ को कैसे खुश करू,
इन सारी उलझनो मे फस कर, पता नही क्यूँ, कैसे और क्या बस किये जा रहे हैं, किये जा रहे हैं
ऐसा नही है जिन्दगी नही रही अब, सासों का चलना जारी है
पर समझ्दारो के बीच समझदार बनने के चक्कर मे,
खुद को खुद से अलग करके, जिन्दा लाश बनके भी बस मुर्दो की तरह जिए जा रहे है , जिए जा रहे हैं!
शुक्रिया🧿❤
© kuchh bat hai, kyuki jazbaat hai🧿❤