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हनुमंत - हुंकार
1- मात अंजना, गयी वन में,
न लिया नन्हें मारुति को संग में,
उठे निद्रा से जब केसरीनंदन,
लगी क्षुधा न मिले फल-चंदन,
देख सूर्यदेव की लालिमा,
समझे गोल-गोल सेव पलागम,
भरी उछाल एक ही बार में,
मुख में लियो श्रीसूर्य भगवान नै !
भयो जगत में हाहाकार,
दिखायों बाल मारूति चमत्कार !!

2- मात जानकी खोजन ताही,
करूणा भयी कृपानिधान की,
देख समंदर सोचन लागै,
जामवंत याद दिलायो ताही,
दो कुलांच में करियो पार,
यूं महावीर...