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इमारत ।
जूठ के नीव पर
इमारत तेजी से
बन जाता है,बिलकुल
जैसेकी कार्डबोर्ड के घर
बनते है, मगर
सच्चाई की नीव पर
इमारत धीरे से बनता है,
मगर मजबूत होती हैं,
जैसे के पक्की मकान हो।
यानी जूठ से
जितने जल्दी बनता है
इमारत उतनी जल्दी
टूट जाता हैं ।।
मगर सच्चाई
की इमारत कभी नही टूटता।।
कोई तूफान उसके
ईंट तक नहीं हिला पता है।।
© saధना🖌️
इमारत तेजी से
बन जाता है,बिलकुल
जैसेकी कार्डबोर्ड के घर
बनते है, मगर
सच्चाई की नीव पर
इमारत धीरे से बनता है,
मगर मजबूत होती हैं,
जैसे के पक्की मकान हो।
यानी जूठ से
जितने जल्दी बनता है
इमारत उतनी जल्दी
टूट जाता हैं ।।
मगर सच्चाई
की इमारत कभी नही टूटता।।
कोई तूफान उसके
ईंट तक नहीं हिला पता है।।
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