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माँ
माँ माँ होती है,
आंचल में वेदना रोती है।
गरीबों के पालनो में,
संवेदनाएं सोती है।।
बच्चों के खातिर,
माँ फाका करती रहें।
उम्मीदों के सहारे,
सबसे लोहा लेती है।।
माँ बेबस लाचार,
क्यो ताकती सहारे को।
ये जालिम सरकार,
आसरा छीन लेती है।।
घर द्वार पावन 'उपदेश',
माँ की चौखट से।
उसी की खुशियों में,
जन्नत छुपी होती है।।
🙏Love you Maa💞
आंचल में वेदना रोती है।
गरीबों के पालनो में,
संवेदनाएं सोती है।।
बच्चों के खातिर,
माँ फाका करती रहें।
उम्मीदों के सहारे,
सबसे लोहा लेती है।।
माँ बेबस लाचार,
क्यो ताकती सहारे को।
ये जालिम सरकार,
आसरा छीन लेती है।।
घर द्वार पावन 'उपदेश',
माँ की चौखट से।
उसी की खुशियों में,
जन्नत छुपी होती है।।
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