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वो फूल...
दूर देश से आया माली, बगिया ख़ूब सजाई
नन्हा-सा एक फूल उगा, बगिया में रौनक छाई
फूल तो वो बड़ा हुआ, पर वो न खिला हुआ
था थोड़ा ठूंठ -सा, जाने क्यों बेरंग हुआ
माली भी हैरान हुआ, जान के परेशान हुआ
न मन्दिर चढ़ा वो, न रूपसी का हार हुआ
न रूप खिला, न सौंदर्य टपका
न इत्र घुला, न कलगी सजा
जाने क्यों फूल मुरझा हुआ
भेद कहो तो जानूं मैं
न वो बिटिया, न राजकुमार हुआ
वो फूल मेरा... वो फूल मेरा...
दुआ में उठा झोली में गिरा
वो फूल बार-बार मसला गया
जीने न दिया तूने उसे
जग से जिसने कुछ न लिया...
©️ Meenakshi Shukla
#shabdveni #meenakshi_shukla #समाज #poetry #फूल
@shabdveni
© Meenakshi Shukla
नन्हा-सा एक फूल उगा, बगिया में रौनक छाई
फूल तो वो बड़ा हुआ, पर वो न खिला हुआ
था थोड़ा ठूंठ -सा, जाने क्यों बेरंग हुआ
माली भी हैरान हुआ, जान के परेशान हुआ
न मन्दिर चढ़ा वो, न रूपसी का हार हुआ
न रूप खिला, न सौंदर्य टपका
न इत्र घुला, न कलगी सजा
जाने क्यों फूल मुरझा हुआ
भेद कहो तो जानूं मैं
न वो बिटिया, न राजकुमार हुआ
वो फूल मेरा... वो फूल मेरा...
दुआ में उठा झोली में गिरा
वो फूल बार-बार मसला गया
जीने न दिया तूने उसे
जग से जिसने कुछ न लिया...
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