...

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मासूम🥺
उन जानवर हेवानो की
भूख कभी नही मिटती है
कभी निर्भया कभी श्रद्धा
इस आग में रोज लड़कियां जलती है
लुट जाती इज्जत बेटियों की
यहां बच्चियां भी कहा बचती है
कर देता कोई पैंतीस टुकड़े
कोई नग्न अवस्था में मिलती है
कही मिलते नही शव बेटियो के
तो कोई पेटी में बंद मिलती है
देख हालत बेटियों की ऐसी
उन मां बाप पर क्या गुजरती है
फिर भी चुप बैठा कानून
उसकी आंखों से पट्टी कहा कभी हटती है
पीड़िता को लगानी पड़ती अर्जी
हेवानों को बेल पर छुट्टी मिलती है
मांग रहा सबूत अभी भी कानून
यहां केवल मोमबत्तियां जलती है
यहां केवल मोमबत्तियां जलती है।।
© t@nnu