कितना चिल्लाओगे
कितना चिल्लाओगे ,
मेरी बात मानो चुप कर जाओ, थक जाओगे,
ये बेहरों की बस्ती है,
यहाँ सच किसको सुनाओगे,
आख़िर हुआ किया है एक लड़की ही तो नोची गई है,
इतनी क्या ख़ास बात जो इस बार इतनी सोची गई है,
बेच दी जाती है हर रात लाखों, तब तो तुमने कभी आवाज नहीं उठाई,
सच में तुमको चिंता है, या सिर्फ़...
मेरी बात मानो चुप कर जाओ, थक जाओगे,
ये बेहरों की बस्ती है,
यहाँ सच किसको सुनाओगे,
आख़िर हुआ किया है एक लड़की ही तो नोची गई है,
इतनी क्या ख़ास बात जो इस बार इतनी सोची गई है,
बेच दी जाती है हर रात लाखों, तब तो तुमने कभी आवाज नहीं उठाई,
सच में तुमको चिंता है, या सिर्फ़...