...

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लौट आओ ना...
तू ही मेरी चाहत, तू ही, मेरी पूजा है,
तुम्हारे सिवा मेरा कोई भी न दूजा है.

जगजाहिर है और तुम भी जानते हो,
मेरी इस जिंदगी का तू ही तो खुदा है.

मायके से अब जल्दी लौट आओ ना,
तेरी गैरहाजरी में, दिल बुझा_बुझा है.

कही भी अब चैन आता नही मन को,
दिल अनमना, मुंह भी सूझा_सुझा है.

पूरा एक दिन हो गया कब आओगे ?
जवाब दो जी मैने तुमसे कुछ पूछा है.

© एहसास ए मानसी