पहली दफ़ा ।
पहली दफ़ा जब देखा तुझे
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वो शाम बहुत ही रंगीन थी,
रात भी कुछ हसीन थी,
दिन का सूरज भी थोड़ा अलग ही दिखाई दिया,
ज़िन्दगी से भी ना कोई अपील थी ,
जो भी हुं खुद...
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वो शाम बहुत ही रंगीन थी,
रात भी कुछ हसीन थी,
दिन का सूरज भी थोड़ा अलग ही दिखाई दिया,
ज़िन्दगी से भी ना कोई अपील थी ,
जो भी हुं खुद...