गज़ल
रुबरु जब भी उसके होता हूं,
मैं कहाँ खुद भी खुद में रहता हूं।
इक नज़र देख ले मुझे वो बस,
आरज़ू और कुछ न रखता हूं।
मांगना क्या उसे पता सब कुछ,...
मैं कहाँ खुद भी खुद में रहता हूं।
इक नज़र देख ले मुझे वो बस,
आरज़ू और कुछ न रखता हूं।
मांगना क्या उसे पता सब कुछ,...