...

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किरदार ए इल्जाम
जिंदगी ए तबीब में यूं भी रखा क्या है ?
बज्म ए बेरूखी की लोगो को वजह क्या है ?

यूं तो हम भी कभी बे- जोड़ हुआ करते थे
फिर अंदाज ए उल्फत को अब हुआ क्या है ?

हवा ख़्वाह अब रुख बदलते है ए इरफान ?
जरा पूछो इस रब्त ए सादगी में रखा क्या...