...

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देश और सियासत,,,
देश एक है भईया समस्याएं अनेक हैं,
देखो भईया देश अपना फिर भी एक है,

ये मान सम्मान, सत्यनिष्ठा और वचनबद्धता,
छोड़ो किताबी ज्ञान सबको लालच की सेक है,

एक सुधारे देश को तो सब बिगाड़ें वेश को,
लहू खींचें ये जनता का कलयुगी दैत्य देक हैं,

जाए न सत्ता हाथ से जनता लगा दें दाव पे,
फिर कर संधि करना पड़े शत्रु का अभिषेक है,

धोती खोलते एक दूसरे की सत्ता के भूंखे हैं,
सब लिप्त भ्रष्टाचार में इनसे सही तो लेक हैं,

थे सत्ता में तब कुछ ना किया अब क्या करोगे तुम,
जनता जानती है सब तुम्हारे वादे बिल्कुल हेक हैं,

कोई है बेदखल सत्ता से कोई चोर कहलाया,
बहुत इल्जाम हैं लेकिन नेता हमारे नेक हैं,

सरकार बदली हैं, मगर न देश बदला है,
झूंठी सियासत में खोया सबका विवेक है,

© #mr_unique😔😔😔👎