घर की याद आती हैं।
अधूरे पड़े हैं हम
अधूरी सी हैं ज़िन्दगी
ना उमंग दिख रही हैं
ना तरंग की तार
रूबरू है आशु मेरे
सिर्फ मेरी...
अधूरी सी हैं ज़िन्दगी
ना उमंग दिख रही हैं
ना तरंग की तार
रूबरू है आशु मेरे
सिर्फ मेरी...