बिखरी बूँद..
हर रंग है मुझमें
मुझे बेरंग न बताओ
मेरे जन्मदाता पर
मत यूँ ही तरस तुम खाओ
विश्वास है मुझको
उनके कर्म उन्हें न सिखाओ
भेदभाव नहीं करते
तुम बेवजह आग न लगाओ
मेरे ख्वाहिशों को
आकार दिया जिस कुम्हार ने
जिम्मेदार को ऐसे
निराधार न बताओ
छोटे से बड़ा किया
नाज़ों से गढ़ कर
किरदार महकाया जिसने
उसका सर न झुकाओ
इंद्रधनुष निकलेगा
बरसाती तूफान के बाद
उस एक बिखरी बरसाती बूँद को
सूरज का रास्ता तो दिखाओ..!!
© bindu
मुझे बेरंग न बताओ
मेरे जन्मदाता पर
मत यूँ ही तरस तुम खाओ
विश्वास है मुझको
उनके कर्म उन्हें न सिखाओ
भेदभाव नहीं करते
तुम बेवजह आग न लगाओ
मेरे ख्वाहिशों को
आकार दिया जिस कुम्हार ने
जिम्मेदार को ऐसे
निराधार न बताओ
छोटे से बड़ा किया
नाज़ों से गढ़ कर
किरदार महकाया जिसने
उसका सर न झुकाओ
इंद्रधनुष निकलेगा
बरसाती तूफान के बाद
उस एक बिखरी बरसाती बूँद को
सूरज का रास्ता तो दिखाओ..!!
© bindu