...

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फिर से सजाने चली हु 😔💔
एक टूटा रिश्ता फिर से सजाने चली हु
ख्वाहिसे अधूरी रह गई कुछ
फिर से एक आश जगाने चली हु
और आज भी प्यार तो बेहद है उससे
ये राज सीने मे दफनाने चली हु
क्या हि मिलेगा रातो को
तन्हा होकर के
उसके यादो साथ घंटो रो कर के
छोड़ कर उसकी गलियों को
एक नया शहर बसाने चली हु
उम्मीद टूटी हुई हि सही
फिर से एक रिश्ता सजाने चली हु
मोहोब्बत ना सही
नफ़रत हि करता है वो
दिल मे ना सही
दिमाग में रखता है वो
बेवफ़ा कैसे कह दु उसे
मुझे याद तो आज भी करता है वो
दुआ ना सही
बदुआ हि देता होगा वो
जख्मो को मेरे आज
हरा आप करता है
कल तक मेरी गलतियों पर पर्दा करने वाला
बिना गलती के भी मुझे
सब के सामने बेनाकाब करता है
राज उसकी कुछ जख्मो वाली
सीने मे दबाने चली हु
हा टूटे हुए रिश्ते को
आज फिर से सजाने चली हु
🥺🥺🥺🥺🥺🥺💔🥺🥺🥺🥺🥺
shital mishra 💔