पिता
बाहर से दिखते शांत मुख मुस्कान से सहेजते हुए
चलते हैं अंतर्मन में जो गहन गंभीरता समेटते हुए
मन ही मन अपनी ही धुन में करते हैं वैचारिक संघर्ष
हर कठिनाई झेल जाते भविष्य संवारने को सहर्ष
कुटुंब संभालने को हर संभव जो करते हैं निर्वाह
जिंदगी के असंख्य तूफ़ां पार कर जाते बिन परवाह
रखते जिगर फ़ौलाद सा...