पुराने यादें!
आंखों में सैलाब लिए, होठों से मुस्कुराते हैं हम।
गम को समेट कर दिल में कहीं, भरी महफ़िल में जां लुटाते हैं हम।
तनहाई में अब ख़ुद से बात करके हर एक लम्हा काटते हैं हम,
बीती पुरानी बातें याद कर, अंधेरे में आज़ भी आंसू बहाते हैं हम।
उसके याद में कितना रोए हैं,...
गम को समेट कर दिल में कहीं, भरी महफ़िल में जां लुटाते हैं हम।
तनहाई में अब ख़ुद से बात करके हर एक लम्हा काटते हैं हम,
बीती पुरानी बातें याद कर, अंधेरे में आज़ भी आंसू बहाते हैं हम।
उसके याद में कितना रोए हैं,...