राधे-राधे पुकारे कान्हा.....!!!
राधे-राधे पुकारे कान्हा, यमुना के तट पर,
प्रेम का रंग बिखेरते, वृंदावन के आंगन में,
गोपियों के बीच छुपा, वो प्रेमी सच्चा-निश्छल,
मुरली की धुन में बसा, राधा के मन का हलचल।।१।।
नैनों में बसे थे सपने, प्रेम की गहरी छाया,
राधा का मन तोड़ न सके, मथुरा की वो माया,
मुरलीधर के हृदय में,...
प्रेम का रंग बिखेरते, वृंदावन के आंगन में,
गोपियों के बीच छुपा, वो प्रेमी सच्चा-निश्छल,
मुरली की धुन में बसा, राधा के मन का हलचल।।१।।
नैनों में बसे थे सपने, प्रेम की गहरी छाया,
राधा का मन तोड़ न सके, मथुरा की वो माया,
मुरलीधर के हृदय में,...