चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों...,
चलो इक बार बार फिर से अजनबी बन जाये हम दोनों
एक अफ़साना था हमारा जिसे भूल जाये हम दोनों...
घड़ी ये इंतज़ार में ना कटे,
उमर ये अफसोस में ना बिते,
चलो ये नाता तोड़ ले हम दोनो ...
कुछ तो तय किया था हमने,
बोहत कुछ तय करना बाकी...
एक अफ़साना था हमारा जिसे भूल जाये हम दोनों...
घड़ी ये इंतज़ार में ना कटे,
उमर ये अफसोस में ना बिते,
चलो ये नाता तोड़ ले हम दोनो ...
कुछ तो तय किया था हमने,
बोहत कुछ तय करना बाकी...