7 views
मेरी निगाहें
हम तो अल्फाजों से रिश्ता तोड़ बैठे थे फिर तेरा दीदार हुआ,
भूल गए थे जिस जिंदगी को तेरे बाद उससे भी प्यार हुआ।
तुझे देखते देखते निगाह मेरी तेरी निगाह से मिल गई,
कोशिश की नज़रें चुराने की तो निगाह अटक गई।
निगाह से निगाह छूटी तो लबों पे जा अटकी,
छूट के लबों से गले के हार में आ लटकी।
हार से कुछ कह पाती ये निगाहें तेरे कान की बालियां जा झटकीं,
फिसल गई निगाह हार से कमर पे जा अटकी।
इससे पहले की संभाल पातीं निगाहें खुद को मेरी,
घिरी छन से तेरे पैरों की झांझर में जा लटकी।
हम तो अल्फाजों से रिश्ता तोड़ बैठे थे फिर तेरा दीदार हुआ,
भूल गए थे जिस जिंदगी को तेरे बाद उससे भी प्यार हुआ।
© Kaku Pahari
भूल गए थे जिस जिंदगी को तेरे बाद उससे भी प्यार हुआ।
तुझे देखते देखते निगाह मेरी तेरी निगाह से मिल गई,
कोशिश की नज़रें चुराने की तो निगाह अटक गई।
निगाह से निगाह छूटी तो लबों पे जा अटकी,
छूट के लबों से गले के हार में आ लटकी।
हार से कुछ कह पाती ये निगाहें तेरे कान की बालियां जा झटकीं,
फिसल गई निगाह हार से कमर पे जा अटकी।
इससे पहले की संभाल पातीं निगाहें खुद को मेरी,
घिरी छन से तेरे पैरों की झांझर में जा लटकी।
हम तो अल्फाजों से रिश्ता तोड़ बैठे थे फिर तेरा दीदार हुआ,
भूल गए थे जिस जिंदगी को तेरे बाद उससे भी प्यार हुआ।
© Kaku Pahari
Related Stories
15 Likes
0
Comments
15 Likes
0
Comments