...

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शायरी
तमन्ना नहीं जिंदगी की
तबस्सुम की तुम्हारी नूर बनना चाहती हूँ

देख सको खुद को तुम जिसमें,
रूह का वो तुम्हारी आइना होना चाहती हूँ

इसे इकरार-ऐ-मोहब्बत समझो
या समझो तुम मेरी आरज़ू

अपनी सी लगती है तुम्हारी माँ मुझें
तुम्हारी माँ को मैं माँ कहना चाहती हूँ
© ©meenu🌸