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दो चेहरे कैसे हो सकते हैं...?
एक इंसान के दो चहरे कैसे हो सकते हैं...?
दिख ना सके सच किसी को
इतने पहरे कैसे हो सकते हैं...?
कभी आँशु तो कभी मुस्कुराहट
एक वक़्त में दोनों भाव कैसे हो सकते हैं...?
कभी कुछ तो कभी कुछ कहता वो ,
मगर नज़र सिर्फ प्यार आता ,
प्यार में इतने अंधे कैसे हो सकते हैं...?
बहुत दिन से कुछ लिखा नहीं था सोचा दिख दू बिना तुक लय की कविता 😀
© श्वेता श्रीवास
दिख ना सके सच किसी को
इतने पहरे कैसे हो सकते हैं...?
कभी आँशु तो कभी मुस्कुराहट
एक वक़्त में दोनों भाव कैसे हो सकते हैं...?
कभी कुछ तो कभी कुछ कहता वो ,
मगर नज़र सिर्फ प्यार आता ,
प्यार में इतने अंधे कैसे हो सकते हैं...?
बहुत दिन से कुछ लिखा नहीं था सोचा दिख दू बिना तुक लय की कविता 😀
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