समर्पण
मैं तेरा साथ निभाने आऊंगा
खुद को समर्पित कर जाऊंगा,
जमाने की बंदिशे तोड़ कर
तुझे अपना बनाने आऊंगा,
कितनी भी मजबूर हो ज़िंदगी...
खुद को समर्पित कर जाऊंगा,
जमाने की बंदिशे तोड़ कर
तुझे अपना बनाने आऊंगा,
कितनी भी मजबूर हो ज़िंदगी...