जाने दो...हर बुरे ख़याल को
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
आता है हर साल फिर चला भी जाता है
पर अपनी खट्टी-मीठी यादें छोड़ जाता है
जाने दो हर बुरी बातों को ,बुरी यादों को
उनका मन क्यों बोझ ढेर इकठ्ठा कर गया ,
जाने दो ,जो चला गया
खुशी में भी आँसू ढलकते हैं और गम में
भी सिसकते हैं
क्यों मन का तालाब मैला किया ,
जाने दो ,जो चला गया
हर बुरी याद ,आदत ,भाव को अलविदा
'अनिता 'ने तुम सबके लिए ह्रदय दरवाजा बंद किया
बहता नीर साफ सदा ,सकारात्मक मन विजयी सदा ।
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
आता है हर साल फिर चला भी जाता है
पर अपनी खट्टी-मीठी यादें छोड़ जाता है
जाने दो हर बुरी बातों को ,बुरी यादों को
उनका मन क्यों बोझ ढेर इकठ्ठा कर गया ,
जाने दो ,जो चला गया
खुशी में भी आँसू ढलकते हैं और गम में
भी सिसकते हैं
क्यों मन का तालाब मैला किया ,
जाने दो ,जो चला गया
हर बुरी याद ,आदत ,भाव को अलविदा
'अनिता 'ने तुम सबके लिए ह्रदय दरवाजा बंद किया
बहता नीर साफ सदा ,सकारात्मक मन विजयी सदा ।