तुम्हारी यादें
आग जो लगी है दिल में उसे बुझा देते तो अच्छा होता,
यादें और तुम जगाते हो जो तिश्नगी वो मिटा देते तो अच्छा होता।
हर वक्त मेरी आँखों में उभरता है तेरा ही अक्स,
मेरे दिल में बसी है जो तेरी तस्वीर उसे हटा देते तो अच्छा होता।
लाइलाज सा ये कैसा मर्ज़ लगा दिया है तूने दिल को,
इस मर्ज़ की कोई दवा भी बता...
यादें और तुम जगाते हो जो तिश्नगी वो मिटा देते तो अच्छा होता।
हर वक्त मेरी आँखों में उभरता है तेरा ही अक्स,
मेरे दिल में बसी है जो तेरी तस्वीर उसे हटा देते तो अच्छा होता।
लाइलाज सा ये कैसा मर्ज़ लगा दिया है तूने दिल को,
इस मर्ज़ की कोई दवा भी बता...