मौत
किसी शायर ने मौत पर क्या खूब लिखा है।।
था मैं नींद में और मुझे सजाया जा रहा था,
बड़े प्यार से मुझे,नहलाया जा रहा था,
ना जाने था वो कोनसा अजब खेल मेरे घर में,
बच्चो की तरह मुझे कंधे पे उठाया जा रहा था,
था पास मेरे...
था मैं नींद में और मुझे सजाया जा रहा था,
बड़े प्यार से मुझे,नहलाया जा रहा था,
ना जाने था वो कोनसा अजब खेल मेरे घर में,
बच्चो की तरह मुझे कंधे पे उठाया जा रहा था,
था पास मेरे...