भरोसा
जब किसी से प्यार करो,उसपे भरोसा बेहिसाब करों
लगें जब तुम्हें दे रहा धोखा,तो बैठ कर उससे बात करों
यूँ भला-बुरा बोलकर उसे,ख़ुद की छवि ना ख़राब करों
होगा समाधान बातों से,गुस्से से ना ख़ुद को बर्बाद करों
है कमी अगर उसमे तो,खुद की कमी को भी स्वीकार करों
होगा प्यार तभी क़ायम,जब एक-दूजे का तुम सम्मान करों
यूँ उलझ कर बे फिजूल की बातों में,ख़ुद का रिश्ता ना बेकार करों
प्यार है अगर तुम्हारा सच्चा,तो एक-दूजे पे तुम विश्वास करो
ग़लत जहाँ तुम हो माफ़ी मांग कर,रिश्ते को मजबूत करों
गलतफहमियां दूर होंगी तुम्हारी,जी भर एक-दूजे से प्यार करों
लगें जब तुम्हें दे रहा धोखा,तो बैठ कर उससे बात करों
यूँ भला-बुरा बोलकर उसे,ख़ुद की छवि ना ख़राब करों
होगा समाधान बातों से,गुस्से से ना ख़ुद को बर्बाद करों
है कमी अगर उसमे तो,खुद की कमी को भी स्वीकार करों
होगा प्यार तभी क़ायम,जब एक-दूजे का तुम सम्मान करों
यूँ उलझ कर बे फिजूल की बातों में,ख़ुद का रिश्ता ना बेकार करों
प्यार है अगर तुम्हारा सच्चा,तो एक-दूजे पे तुम विश्वास करो
ग़लत जहाँ तुम हो माफ़ी मांग कर,रिश्ते को मजबूत करों
गलतफहमियां दूर होंगी तुम्हारी,जी भर एक-दूजे से प्यार करों