...

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वो उसका आखिरी बार मिलना
ख्वाहिशों,मिन्नतों से मिला कुछ पल के लिए मुझे,
मांगता रहा जिसे हर दुआ में मैं,

बड़ी तकलीफ दे गया मुझे
वो उसका आखिरी बार मिलना..

कहा था उसने गले तो लगालो,
मैं हूँ सामने देखो ज़रा नज़रें उठालो,

दो आँखों में समंदर जितना अश्क़ दे गया मुझे,
वो उसका आखिरी बार मिलना..

लिपट गया जो सीने से मेरे, लगा जैसे कुछ टूट रहा है,
समेट न सका उन टुकड़ों को दिल के,
मानो सब कुछ मेरा छूट सा रहा है.

उस छोटे से पल में अनगिनत ग़म दे गया मुझे ,
वो उसका आखिरी बार मिलना.

उलझ रहा था खुद में ही कहीं,
राह देखूं तो दिखे ही नहीं,

शिद्दत से चाहने का ये इनाम दे गया मुझे,
वो उसका आखिरी बार मिलना..

देख रहा था उस नीले गगन में,
जाने कितने सवाल थे मेरे बेचैन मन में,

क्या क्या ख्वाब सजा बैठा था,

और क्या दे गया मुझे,
वो उसका आखिरी बार मिलना

अब खुदा भी नज़र नहीं आ रहा,
मेरी हालत पर वो तरस नहीं खा रहा,

अब सवाल करूँ तो खुद से ही
क्यों ये सदमा दे गया मुझे,

वो उसका आखिरी बार मिलना..

फिर आयी वो मुश्किल सी घडी,
मेरी भी आँखें छलक पड़ी,

किया दूर खुद से उसने ही मुझे,
एक अनचाहा सा दर्द दे गया मुझे,
वो उसका आखिरी बार मिलना..

बदल कर तक़दीर मेरी,
तू क्यों न दिखाता करामात तेरी,
अब लड़ने को उस खुदा से,

ऐसे सवाल दे गया मुझे,
वो उसका आखिरी बार मिलना..

© IndoreKeGopal