जब, जहाँ, जैसे, जितना, जो कुछ भी मिल रहा है उसकी कद्र कीजिये।
सब कुछ तोड़ देना बहुत ही आसान होता है। घर, खिलौने, रिश्ते, दोस्ती, भरोसा सब कुछ एक झटके में तोड़ा जा सकता है ! सालों की मेहनत से बनी सब चीजें तोड़ने में कुछ मिनट लगते हैं।
टूटी हुई चीजों की खाली जगह भरने में फिर से सालों की मेहनत लगती है। शायद सब कुछ पहले जितना ख़ूबसूरत बन भी नही पाए और अगर बन भी गया तो हर टूटी चीज़ मन पर जो हल्की सी खरोंच...
टूटी हुई चीजों की खाली जगह भरने में फिर से सालों की मेहनत लगती है। शायद सब कुछ पहले जितना ख़ूबसूरत बन भी नही पाए और अगर बन भी गया तो हर टूटी चीज़ मन पर जो हल्की सी खरोंच...