जिंदगी फिर पटरी पे दौङेगी
आज फैली मुश्किलें हर प्रांत है
हर मन हुआ बङा अशांत है
थम गयी है हर जीवन की राह
रुकी पङी है हर मन की चाह
उतरी है हर जिंदगी जरा पटरी से
गुजर रही है थोङी संकरी से
है सब्र राह सुख की ओर मोङेगी
कि जिंदगी फिर पटरी पर दौङेगी.........
फिर होगी सहर वही समा होगा
घूमने को तन मन हमनुमा होगा
खुल जाएंगे बाग फिर बिहार
फिर बह उठेगी वही बयार
फिर दौङेंगे बच्चे स्कूल की ओर
फिर आरती नमाज में होगी भोर
फिर नयी किरण ताले खोलेगी
कि जिंदगी फिर पटरी पर दौङेगी.......
खुल जाएंगी फिर बंद दुकानें
निकल जाएंगे फिर कुछ कमाने
फिर सज जाएंगे वही बाजार
चल उठेगा फिर व्यापार
फिर खत्म होगी जोह रहे बाट
फिर भर जाएंगे दुकानें और हाट
फिर मालिनी सुगंधित पुष्प बटोरेगी
कि जिंदगी फिर पटरी पर...
हर मन हुआ बङा अशांत है
थम गयी है हर जीवन की राह
रुकी पङी है हर मन की चाह
उतरी है हर जिंदगी जरा पटरी से
गुजर रही है थोङी संकरी से
है सब्र राह सुख की ओर मोङेगी
कि जिंदगी फिर पटरी पर दौङेगी.........
फिर होगी सहर वही समा होगा
घूमने को तन मन हमनुमा होगा
खुल जाएंगे बाग फिर बिहार
फिर बह उठेगी वही बयार
फिर दौङेंगे बच्चे स्कूल की ओर
फिर आरती नमाज में होगी भोर
फिर नयी किरण ताले खोलेगी
कि जिंदगी फिर पटरी पर दौङेगी.......
खुल जाएंगी फिर बंद दुकानें
निकल जाएंगे फिर कुछ कमाने
फिर सज जाएंगे वही बाजार
चल उठेगा फिर व्यापार
फिर खत्म होगी जोह रहे बाट
फिर भर जाएंगे दुकानें और हाट
फिर मालिनी सुगंधित पुष्प बटोरेगी
कि जिंदगी फिर पटरी पर...