सफ़र
"राह अँधेरी और सफर सुनसान सा है,
बहुत दूर अकेले में एक मकान सा है
कदम छोटे छोटे न जाने क्यों पड़ रहे
कोई गम है दिल में जो अनजान सा है
जब चले हैं तो...
बहुत दूर अकेले में एक मकान सा है
कदम छोटे छोटे न जाने क्यों पड़ रहे
कोई गम है दिल में जो अनजान सा है
जब चले हैं तो...