...

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भारत के गाँवो मे चहूँ ओर
लहराते खेत,टूटी सड़कें
बहती नदी,पके आम के पेड़
ये सब शहरो में नही
दिखते,
मिल जाते भारत के गाँवो मे चहूँ ओर..
नदी मे नहाते बच्चे, घूघंट मे बहुये
मान प्रतिष्ठा संभाले मूछो पर चौराहे में बैठे बडे़
ये सब शहरो में नही
दिखते,
मिल जाते भारत के गाँवो मे चहूँ ओर..
होली,दीवाली तीज त्योहार साथ मनाये
करते अलग अलग अटखेल
भिन्न भिन्न सब लोग यहां
पर विपदा आने पर कर ले सब मेल
ये सब शहरो में नही
दिखते,
मिल जाते भारत के गाँवो मे चहूँ ओर..
दादी नानी कि कहानियां, लोकगीत और नाच
पूजा ,पाठ, न्योता, न्योछावर
लगते मेले नदियों के तीर
ये सब शहरो में नही
दिखते,
मिल जाते भारत के गाँवो मे चहूँ ओर..
आगनवाड़ी, स्कूल, अस्पताल
छोटे ,मोटे रोजगार
खेतों मे हल चलाते, या घरो में चूल्हे चलाते,
मौज मस्ती ऊडाते मिले यहाँ सब लोग
गाय ,भैंस, बैल,बछड़े ये सब भी हैं घर में मौजूद
ये सब शहरो में नही
दिखते,
मिल जाते भारत के गाँवो मे चहूँ ओर..
होली,दीवाली तीज त्योहार साथ मनाये
करते अलग अलग अटखेल
भिन्न भिन्न सब लोग यहां
पर विपदा आने पर रहे सदा संग
सब होते हुए भी मजबूरी में शहर गये कुछ लोग
पीछे छोड़ ये सुखद जीवन,पैसे के लिए हर दिन मर रहे लोग
हर शहर में पहले गाँव था बसता
गाँवों से अब भी जिवित सब लोग
रास लीला ,राम लीला, राम नाम का जाप
ये सब शहरो में नहीं दिखते,
मिल जाते भारत के गाँवो मे चहूँ ओर
© anitasingh