गीत बोझिल हुए जा रहे हैं।
स्वप्न मरूथल हुए जा रहे हैं,
रोज ही छल हुए जा रहे हैं।
सांस गा-गा के कहने लगी ,
गीत बोझिल हुए जा रहे हैं।
जब सियासत चली खोजने,
दोस्त कातिल हुए जा रहे...
रोज ही छल हुए जा रहे हैं।
सांस गा-गा के कहने लगी ,
गीत बोझिल हुए जा रहे हैं।
जब सियासत चली खोजने,
दोस्त कातिल हुए जा रहे...